नई दिल्ली/जयपुर . सामुदायिक स्तर पर एक अादमी से दूसरे में काेराेनावायरस फैलने से राेकने के लिए देश के 21 राज्याें में लाॅकडाउन हाे चुका है। लेकिन, कई इलाकाें में लाेग घराें से बाहर निकले। सोमवार को प्रतापगढ़ और जोधपुर में 2-2 मरीज सामने आए। इसी के साथ राजस्थान में मरीजों की संख्या 33 पहुंच गई है। इसी बीच प्रदेश सरकार ने अब स्टेट हाईवे बंद कर दिया है। साथ ही मंगलवार से ही निजी वाहनों पर भी रोक लगा दी है। सीएम अशोक गहलोत ने कहा- इस दौरान आवश्यक सेवाओं और छूट वाली सेवाओं से संबंधित वाहनों को ही अनुमति दी जाएगी। सीएम ने कहा है कि लॉकडाउन को ही कर्फ्यू माना जाए। अगर लापरवाही बरती गई तो प्रदेशभर में कर्फ्यू लगा दिया जाएगा।
इधर, लाेगाें काे घराें में रखने के लिए पंजाब, महाराष्ट्र अाैर पुड्डुचेरी में 31 मार्च तक कर्फ्यू लगा दिया गया है। इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र माेदी ने लाेगाें से लाॅकडाउन काे गंभीरता से लेने की अपील की। उन्हाेंने काेराेनावायरस काे लाइफटाइम चैलेंज बताया है। 21 राज्याें में लाॅकडाउन है। बाकी राज्याें के करीब 100 जिले बंद हैं। संक्रमिताें काे एक से दूसरी जगह जाने से राेकने के लिए देशभर में मंगलवार आधी रात से घरेलू विमान सेवा भी बंद हो जाएगी। देश में रोजाना करीब 5,100 घरेलू उड़ानें संचालित हाेती हैं, जिनमें 6.66 लाख लाेग सफर करते हैं। ट्रेनें और इंटरस्टेट बसाें के अलावा कई राज्याें के अंदर भी सार्वजनिक परिवहन बंद है।
ये आपाधापी जानलेवा है...
यह तस्वीर पटना की है। सोमवार को लॉकडाउन के दौरान देशभर से एेसी तस्वीरें सामने आईं। बस में भरी इस भीड़ के बारे में जब पूछा गया तो लोगों ने कहा कि वे घरों को लौट रहे हैं। प्रशासन भी ऐसी भीड़ को कम करने में लाचार नजर आया। ऐसी ही कई घटनाएं गुजरात में देखने को मिली। सूरत से सौराष्ट्र के बीच 8 किमी लंबा जाम लगा रहा।
पहली बार...जेलों में भीड़ कम करने के लिए कैदी पैरोल पर छोड़े जाएंगे
- सुप्रीम काेर्ट ने राज्याें काे उच्च स्तरीय कमेटी बनाने काे कहा है, जाे तय करेगी कि किन श्रेणियाें के कैदी पैराेल पर रिहा किए जा सकते हैं। इसका मकसद जेलाें में भीड़ कम करना है। काेर्ट ने 7 साल या इससे कम की सजा के प्रावधान वाले अपराधाें के मामलाें में यह पैराेल देने का सुझाव दिया है।
- सुप्रीम कोर्ट में प्रवेश बंद कर िदया गया है। सिर्फ अति आवश्यक केस वीडियो काॅन्फ्रेंसिंग के जरिये सुने जाएंगे। वकीलों के चैम्बर सील होंगे। वहीं, दिल्ली हाई काेर्ट और केरल हाई काेर्ट बंद किए दिए गए हैं।
चिंतनीय... मुंबई में संक्रमण मुक्त हाे चुके एक और शख्स की माैत
- मुंबई में काेराेना संक्रमण से मुक्त हाे चुके फिलीपींस के 68 साल के बुजुर्ग की माैत हाे गई। वह 10 दिन पहले कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती हुए थे। ठीक होने के बाद वह प्राइवेट अस्पताल में चले गए थे। अस्पताल के अनुसार, उन्हें डायबिटीज और दमे की समस्या थी।
सावधान... लाॅकडाउन का उल्लंघन करने पर 6 माह जेल का प्रावधान
- लाॅकडाउन का उल्लंघन करने वालाें पर सरकारें महामारी राेग कानून-1897 के उल्लंघन का केस दर्ज कर रही हैं। यह आईपीसी की धारा-188 के तहत दंडनीय है। इसके तहत उल्लंघन करने वाले काे छह माह तक की जेल या एक हजार जुर्माना या दाेनाें सजाएं साथ हाे सकती हैं। केंद्रीय गृह सचिव ने सभी राज्याें के डीजीपी के साथ वीडियाे काॅन्फ्रेंसिंग में निर्देश दिए कि लाॅकडाउन काे पूरी सख्ती के साथ लागू करें। ऐसे में अन्य राज्याें में भी जल्द ही कर्फ्यू लगने की संभावना है।
सीएम सख्त, बोले- लॉकडाउन को ही कर्फ्यू मानें, नहीं तो प्रदेशभर में कर्फ्यू लगाना पड़ेगा
लॉकडाउन को गंभीरता से नहीं लेने वालों के खिलाफ अब राज्य सरकार सख्ती बरतने वाली है। सीएम अशोक गहलोत ने कोरोना के खिलाफ निर्णायक जंग लड़ने के लिए राज्य के लोगों से अपील की और कहा - लॉकडाउन के फैसले को स्वीकार करें। इसे ही कर्फ्यू मानकर गंभीरता से लंे। ऐसा न करने पर राज्य सरकार को मजबूर होकर प्रदेशभर में कर्फ्यू लगाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा। सीएम ने तीन दिन पहले ही 22 से 31 मार्च तक लाॅकडाउन करने का ऐलान किया था। पहले दिन तो लॉकडाउन सफल रहा, लेकिन उसके अगले ही दिन लोग सड़कों पर खुले घूमे रहे हैं। इस कारण से सरकार जिस उद्देश्य के लिए लॉकडाउन की है।
उसकी पूर्ति नहीं हो पा रही है। राज्य सरकार के पास भी इसकी रिपोर्ट पहुंची, जिसके बाद सीएम अशोक गहलोत ने नाराजगी जताते हुए ट्वीट किया। उन्होंने लोगों से अनुरोध किया कि कृपया कर्फ्यू की तरह ही बर्ताव करें। घरों में ही रहें। ऐसा न करने पर हमें कर्फ्यू लगाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।